Shiv Chalisa Lyrics In Hindi: शिव चालीसा हिंदी में PDF

Shiv Chalisa Lyrics In Hindi  शिव चालीसा हिंदी में PDF
Shiv Chalisa Lyrics In Hindi: शिव चालीसा हिंदी में PDF


Shiv Chalisa Lyrics In Hindi:

II दोहा II

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

II चौपाई II

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥

धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

II दोहा II

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥


शिव चालीसा हिंदी में PDF

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