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पद्म सम्मान 2025: राष्ट्रपति ने देश के गौरवों को किया सम्मानित

Grand ceremony of Padma Awards at Rashtrapati Bhavan, 17 eminent personalities from various fields got national honour

द लोकतंत्र/ दिल्ली : सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान देने वाले 71 विशिष्ट व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। खेल, चिकित्सा, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों के इन प्रतिभाओं ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया है, बल्कि समाज को प्रेरणा भी दी है।

दरअसल, सोमवार को राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2025 के लिए 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 96 वर्षीय कठपुतली कलाकार भीमव्वा डोड्डाबलप्पा शिल्लेक्यथारा को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। जब भीमव्वा डोड्डाबलप्पा शिल्लेक्यथारा राष्ट्रपति से पद्मश्री लेने पहुंचीं तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य मंत्री ताली बजाते नजर आए।

वहीं, पुरस्कारों के क्रम में खेल के क्षेत्र में, पूर्व हॉकी खिलाड़ी और जूनियर टीम के कोच पी.आर. श्रीजेश को पद्म भूषण से नवाजा गया। उन्होंने कहा, यह सम्मान मेरी टीम और देश के लिए है। वहीं, चिकित्सा में, मशहूर न्यूरोसर्जन डॉ. अशोक कुमार महापात्रा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने समर्पण और वर्षों के शोध कार्य का श्रेय देश को दिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में, “पेंटियम के जनक” विनोद कुमार धाम को पद्म भूषण मिला। उन्होंने कहा कि यह भारत की टेक्नोलॉजी में तेजी से बढ़ती ताकत का प्रतीक है।

साथ ही, कला के क्षेत्र में, सिक्किम के नरेन गुरुंग, गायिका डॉ. जसपिंदर नरूला, मूर्तिकार अद्वैत चरण गणनायक, सुजनी कलाकार निर्मला देवी, कवि डॉ. मदुगुला नागफनी शर्मा, और बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। साहित्य और शिक्षा में, गुजराती कवि तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला को यह सम्मान मिला। सामाजिक सेवा में, कुष्ठ रोगियों की सेवा में जुटे सुरेश हरिलाल सोनी को पद्मश्री से नवाजा गया, जिन्होंने कहा, हम प्रेम देते हैं और प्रेम ही हमें वापस मिलता है।

पाककला के क्षेत्र में, तमिलनाडु की मिड-डे मील योजना में अहम भूमिका निभाने वाले शेफ डॉ. के. दामोदरन को पद्मश्री मिला। कृषि विज्ञान में, मक्का की नई किस्म विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ. सुरिंदर कुमार वासल को यह पुरस्कार मिला। कला संरक्षण में योगदान के लिए प्रोफेसर भरत गुप्त और बेगम बतूल को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

Prajatantra Bharat News Desk

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