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ECI Guidelines: चुनाव प्रचार और रैलियों में बच्चों का न हो इस्तेमाल, इलेक्शन कमीशन ने गाइडलाइन जारी की

ECI Guidelines: Children should not be used in election campaigns and rallies, Election Commission issued guidelines

द लोकतंत्र : ECI Guidelines अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चों अपनी मासूमियत और भोलेपन से किसी दल के लिए कोई पंचलाइन, कविता या समर्थन के शब्द बोलते या पार्टी के झंडे लहराते हुए प्रचार वीडियो में दिखाई पड़ते हैं। बच्चों के भोलेपन और उनकी मासूमियत का राजनीतिक इस्तेमाल अब संभव नहीं होगा। निर्वाचन आयोग ने  लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार (5 फरवरी) को राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर एवं पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें।

ECI Guidelines के अन्तर्गत बच्चों से प्रचार निषेध

राजनीतिक दलों को भेजे परामर्श में निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर दलों और उम्मीदवारों की ओर से चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरीके से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के प्रति अपनी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराया। आयोग ने स्पष्ट कहा है कि ‘किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन आदि शामिल है।

आयोग ने अपने बयान में कहा कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों।

इन परिस्थितियों में उल्लंघन नहीं

आयोग ने कहा कि यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।

यह भी पढ़ें : पूनम पांडे पर फूटा लोगों का ग़ुस्सा, फेक डेथ स्टंट पर सेलिब्रिटीज़ ने खूब सुनाई खरी खोटी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है। उन्होंने खासकर, आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है। अगर इस गाइडलाइन का उल्लंघन किया जाता है तो उम्मीदवार पर बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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Prajatantra Bharat News Desk

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