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Mahakumbh में भगदड़ के बाद ‘मौनी अमावस्या’ के स्नान पर पुष्पवर्षा श्रद्धा या प्रशासनिक संवेदनहीनता

After the stampede in Maha Kumbh, the shower of flowers during the bath on 'Mauni Amavasya' is devotion or administrative insensitivity

द लोकतंत्र : Mahakumbh में मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में अखाड़ों का अमृत स्नान जारी है, साधु-संतों पर पुष्प वर्षा की जा रही है, लेकिन बीती रात हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत ने इस आयोजन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धा और भक्ति के इस पर्व में जब लोग अपने प्रियजनों को खोकर शोक में डूबे थे, तब प्रशासन का पुष्पवर्षा जैसे आयोजनों में व्यस्त होना क्या संवेदनहीनता नहीं है?

दरअसल, मंगलवार देर रात महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर बड़ा हादसा हो गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच अचानक अफरातफरी मच गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। रात करीब एक से दो बजे के बीच हुए इस हादसे में कई श्रद्धालु जमीन पर गिर गए और भीड़ के दबाव में कुचले गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक ओर से श्रद्धालु स्नान कर वापस लौट रहे थे, जबकि दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग संगम की ओर बढ़ रहे थे।

इसी बीच धक्का-मुक्की शुरू हुई, जिससे कई लोग संतुलन खोकर गिर पड़े। नीचे गिरे लोग खुद को संभाल भी नहीं पाए, और ऊपर से गुजरती भीड़ ने उन्हें रौंद दिया। घटना में कई श्रद्धालु हताहत हुए, जबकि दर्जनों घायल हो गए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

पुष्पवर्षा का औचित्य क्या?

हालाँकि इसके विपरीत मौनी अमावस्या पर अखाड़ों का अमृत स्नान शुरू हो चुका है। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार दोपहर 12 बजे तक 10 लाख कल्पवासियों समेत 4.24 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला शुरू होने से अब तक 19.94 करोड़ श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर, सीएम योगी ने सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुओं, प्रदेश एवं देश वासियों से अपील की है कि अफवाह पर कोई ध्यान न दें, संयम से काम लें।

रात में मची अफरातफरी के बाद महाकुंभ के अखाड़ों ने अमृत स्नान निरस्त कर दिया था। हालांकि अब अखाड़े अमृत स्नान के लिए रवाना हो चुके हैं। संतों के स्वागत में प्रशासनिक मशीनरी जुट गई और हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाने लगी। लेकिन, सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना के बाद इस तरह की क़वायद क्या उचित है?

संतों ने कहा, जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है

परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मृतकों की सद्गति के लिए प्रार्थना करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करते हैं। मौनी अमावस्या पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि देश के तीनों शंकराचार्य आज यहां पवित्र स्नान करने जा रहे हैं। कल देर रात हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सभी दुखी हैं लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।

मौनी अमावस्या पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, हमने सोचा कि हमारी वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसलिए हमने स्नान स्थगित कर दिया। अब स्थिति नियंत्रण में है, इसलिए हम स्नान करने आए हैं। सभी अखाड़े एक साथ स्नान करने जा रहे हैं। मेरा संदेश है कि भारत को एकजुट रहना चाहिए और हमें जातियों के आधार पर नहीं बंटना चाहिए। हम हिंदू हैं, हम सनातनी हैं।

Prajatantra Bharat News Desk

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