Politics

हाथरस मामले में मायावती ने कहा कि अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढीली न पड़े सरकार

In the Hathras case, Mayawati said that the government should not be lax in its political interests

द लोकतंत्र : हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील के साथ दलितों को भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाने की सलाह भी दी है। 

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने क्या लिखा

दरअसल, शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, देश में ग़रीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए”, यही सलाह।

उन्होंने आगे लिखा कि बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांडों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिंताजनक। 

मायावती ने लिखा कि हाथरस कांड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पडे़। 

राजनीतिक स्वार्थ में सरकार को ढीला नहीं पड़ना चाहिए

बसपा सुप्रीमो ने इस पूरे मामले में सरकार के रवैये पर भी प्रश्नचिन्ह उठाया। उन्होंने लिखा, हाथरस काण्ड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पडे़।

बता दें, हाथरस हादसे के मामले में दर्ज किए गए एफआईआर में बाबा सूरजपाल का नाम नहीं है। वहीं इस मामले में नामजद मुख्य आरोपी सहित छह लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। मामले की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक आयोग का भी गठन किया गया है जो दो माह में विस्तृत रिपोर्ट देगी।

Prajatantra Bharat News Desk

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